बादशाह नहीं बाजीगर से पहचानते है लोग ,, “……क्यूकी…….” हम रानियो के सामने झुका नहीं करते….!!


मेरे लफ्जों से न कर मेरे किरदार का फेसला , तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकिगत ढूंढते ढूंढते !

 हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब.... हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी...।

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